उत्तरायणी मेला उत्तराखण्ड राज्य के बागेश्वर शहर में आयोजित होता है। तहसील व जनपद बागेश्वर के अन्तर्गत सरयु गोमती नदियों के पावन सगंम पर उत्तरायणी मेला बागेश्वर का भव्य आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सगंम में स्नान करने से पाप कट जाते है बागेश्वर दो पर्वत शिखरों की उपत्यका में स्थित है,
इस बार भी कोविड-19 के नये स्वरूप ओमीक्रांन के बढते मामलों के दृष्टिगत शासन द्वारा 07 जनवरी, 2022 को जारी एसओपी के दृष्टिगत बागेश्वर में आयोजित होने वाले उत्तरायणी मेले के संबंध में जिलाधिकारी विनीत कुमार की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में कोविड-19 के नये स्वरूप ओमीक्रांन के बढते माललों व शासन द्वारा जारी नई एसओपी के तहत उपस्थित जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, सीनियर सीटिजनों सहित अन्य लोगो से सुझाव लियें गयें, सभी लोगो के सुझावों को सुनने के पश्चात जिलाधिकारी विनीत कुमार ने उपस्थित लोगो को अवगत कराया कि वर्तमान में तेजी से फैल रहें ओमीक्रोन के संक्रमण को देखते हुए शासन द्वारा नई गाइडलाइन जारी की गयी है। नई गाइडलाइन को हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दिनांक 16 जनवरी, 2022 तक समस्त सार्वजनिक समारोह (मनोरंजन/शैक्षिक/सांस्कृतिक आदि) गतिविधियों पर प्रतिबंध है, लिहाजा पूर्व की बैठको में उत्तरायाणी मेले को तीन दिन तक आयोजित करने के निर्णय को स्थगति किया जाता है। अब उत्तरायणी मेले में किसी भी प्रकार के कोई भी आयोजन नहीं होगे। गौरतलब है कि पूर्व में उत्तरायणी मेले के आयोजन को एक सप्ताह का न कर केवल तीन दिन का ही करने को निर्णय लिया गया था तथा जनपद के स्थानीय कलाकारों द्वारा ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने तथा मेले में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करने का निर्णय लिया गया था। वहीं जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लोकल व्यापारियों एवं उत्पादों को ही इस मेले में शामिल करने का फैसला लिया गया था, मगर शासन द्वारा नई गाइडलाइन को धयान में ऱखते हुए मेले में कोई भी गतिविधियां नहीं करने का निर्णय लिया गया।
गढ़वाली कुमाउनी वार्ता
समूह संपादक