स्वरोजगार के लिए, मूज घास से सुंदर उपयोगी वस्तु बनाकर अपनी आजीविका को बढ़ा रही हैं, उत्तराखण्ड के इस गांव मै लोग

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नरेंद्र पिमोली देहरादून

प्रधानमंत्री ने भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ का मंत्र दिया है। भारतवासियों के लिए भी स्वावलम्बन की मुराद उतनी ही पुरानी है, जितना पुराना हमारा आधुनिक इतिहास है, लेकिन अब से पहले देश के शीर्ष स्तर से भारत की आत्मनिर्भरता को राष्ट्रीय मुहिम बनाने की पेशकश पहले कभी नहीं हुई। इसीलिए आत्मनिर्भरता के मंत्र का महत्व  वोकल फ़ॉर लोकल के नारे के साथ बेहद बढ़ जाता है

उदहारण दिया है इस गाँव ऊंची महुवट में राणा बहिनें स्वरोजगार में मूज घास से सुंदर उपयोगी वस्तु बनाकर अपनी आजीविका को बढ़ा रही हैं साथ ही घर की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं उनका हौसला बढ़ाना भी आवश्यक है ये कला इनको विरासत में मिली है। खास बात इस घास से बनी टोकरी में रोटी बहुत नरम रहती है इन बहिनों की हौसलाफजाई के लिये ये टोकरी या डलिया जरूर खरीदना चाहिये।

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