हेलंग घाटी में घसियारी महिलाओं के मामले का बड़ा खुलासा सामने आया…एक मिनट निकालकर खबर जरूर पढ़ें…

Spread the love

15 जुलाई 2022 को दिन मे हेलन गांव (जोशीमठ तहसील जिला चमोली )की ग्रामीण घसियारी महिलाओं के साथ तहसील प्रशासन व पुलिस की ज़्यादती का एक वायरल वीडियो ने पूरे प्रदेश के ग्रामीण अंचलो में जल जंगल जमीन के संरक्षण मे लगे संवेदनशील संगठनों व आम जनता को ही नहीं वरन एक आम ग्रामीण महिला पुरुष को भी आक्रोषित कर दिया.

डीके जोशी (अधिवक्ता ) अध्यक्ष विधिक प्रकोष्ठ उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा तैयार 43 पृष्ठ की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के अनुसार

तथ्यों की तह मे जाकर बहुत सारे चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं जिन से यही साबित हो रहा है कि प्रशासन व पुलिस की जोर जबरदस्ती से ग्रामीण जनता के अधिकारों पर सभी नियमों कानूनों को ताक मे रखकर पूजीपतियों के लाभ हेतु यह सब किया गया है.

1. हेलंग गाँव के खसरा नंबर 445 पर भिन्न भिन्न प्रजाति के पेड़ थे जिन्हे आस पास रहने वाले ग्रामीणों ने संरखित किया था इनमे विलुप्त प्रजाति का एक पेड़ तौड़ भी शामिल था प्रत्यक्ष दर्शीयों के अनुसार इन सभी पेड़ों को गैर कानूनी तरीके से काट कर वही THDC इंडिया कम्पनी के द्वारा डाले गए मालुवे में दफ़न कर दिया गया है.

हेलंग गाँव जो कि जोशीमठ तहसील जिला चमोली के अंतर्गत स्थित है के खसरा नंबर 445 जो कि एक भीड़ा (steep hill ) के स्वरुप मे ग्रामीणों के गाय जानवरों आदि के लिए घास का मुख्य स्रोत है पर जिला प्रशासन व पुलिस की मिली भगत से दर्जनों डम्पर ट्रक द्वारा मलुवा डाल दिया गया.
फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के अनुसार उप जिलाधिकारी जोशीमठ के एक पत्र दिनांक 23 मई 2022 जो महाप्रबंधक (परियोजना ) THDC इंडिया लिमिटेड को सम्बोधित है के अनुसार कम्पनी को उपरोक्त जगह खसरा नंबर 445 मे THDC द्वारा टनल से निकाले जा रहे मलुवे को ग्रामीणों के लिए खेल मैदान बनाये जाने हेतु उपरोक्त जगह पर डाले जाने का आग्रह किया गया है.

जब आस पास रह रहे महिला पुरुष सभी ग्रामीणों को यह बात की जानकारी हुई तो उनके द्वारा तुरंत आपत्ति दर्ज कराई दिनांक 20 जून 2022 को ही मंदोदरी देवी, गोदावरी देवी लीला देवी ज्योति तथा रीना द्वारा जिलाधिकारी चमोली को पास के घास व पेड़ लगे जमीन पर डंपिंग न किये जाने हेतु प्रत्यावेदन भेजा. कोई सुनवाई न होने पर ग्रामीणों द्वारा सचिव जलवायु परिवर्तन उत्तराखंड को भी इस संबंध मे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया यहाँ तक कि माननीय मुख्यमंत्री व माननीय प्रधानमंत्री को भी ग्रामीणों द्वारा लगातर प्रत्यावेदन भेजे उसके बावजूद भी 15 जुलाई 2022 के सुबह से पुलिस संरक्षण मे THDC कंपनी के द्वारा टनल का मलुवा घास के मैदान मे डाले जाने की पूरी तैयारी की गयी जिसे रोकने का प्रयास स्थानीय महिलाओं द्वारा किया गया इस क्रम मे जब मंदोदरी देवी, गोदावरी देवी लीला देवी संगीता देवी आदि ने विरोध किया गया तो केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों द्वारा अपनी सीमा से बाहर इस ग्रामीण महिलाओं के पीठ से घास छीनने का प्रयास किया बल्कि उनके साथ जोर जबरदस्ती भी की गयी उन्हें कड़ी धूप मे रोके रखा जब महिलाओं का विरोध ज्यादा प्रतीत हुआ तो उपजिलाधिकारी व तहसीलदार घटना स्थल मे बुलाये गए जब महिलाएं डपिंग के विरोध मे अड़ी रही तो सुबह सुबह घास के लिए निकली थकी प्यासी इन महिलाओं को जिनके साथ एक डेढ़ साल की छोटी बच्ची भी थी को गैर कानूनी तरीके से पुलिस द्वारा पुलिस की गाड़ी के अंदर ही भूखे प्यासे घंटो कैद रखा. और इस दौरान खसरा नंबर 445 जहाँ घास उगी हुई थी और उसी दौरान इस जगह पर जहाँ घास के साथ साथ कटे हुए पेड़ पड़े थे उसके ऊपर 18-20 ट्रक मलुवा डाल दिया गया.

फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्य डीके जोशी द्वारा लीला देवी के पुत्र आशीष भंडारी से की गयी बातचीत से ये तथ्य सामने आया कि कैद ग्रामीण महिलाओं को अभिरक्षा से छुड़ाने हेतु आशीष को जोशीमठ पुलिस थाना बुलाया गया जहाँ उन्हें भी 6 घंटे तक इंतज़ार मे बैठाया गया और अंत मे उत्तरखंड पुलिस एक्ट 2007 के अंतर्गत डपिंग का विरोध कर रही महिलाओं को धारा 81(1) (क) मे लिखित अपराधों का दोषी मानते हुए उन्हें धारा 83(2) मे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 250 रूपये जमा करवाये और अपराध का समन किये जाने संबधित चालान की पर्ची आशीष को थमा दी गयी. और उसके बाद ही कैद निरुद्ध किये गये महिलाओं व डेढ़ साल की बच्ची सभी को छोड़ा गया.

रिपोर्ट के मुख्य अंश –
(1). हेलंग गाँव की ग्रामीणों द्वारा बार बार बिनती करने और लिखित प्रत्यावेदन देने के बावजूद भी तहसील प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तथा सचिव जलवायु परिवर्तन उत्तराखंड शासन तक किसी ने नहीं सुनी.
(2). वन विभाग तहसील प्रशासन जिला प्रशासन के द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा झारखण्ड सरकार बनाम पाकुर जागरण मंच (सिविल अपील संख्या 436/2011 निर्णय दिनांक 12.01.2011)मे दिए गये निर्देशों के उलंघन मे TDDC इंडिया कम्पनी को हेलंग गाँव की वन पंचायत की जमीन को टनल का मलुवा जमा करने की अनुमति दी गयी.
(3). माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुपालन हेतु उत्तराखंड सरकार द्वारा शासनादेश दिनांक 27 जनवरी 2014 जिसके द्वारा प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी को निर्देश दिए गये थे कि गौचर पनघट आदि ग्रामीण उपयोग की भूमि को किसी अन्य प्रयोग हेतु न आवंटित न की जाय का भी घोर उलंघन हेलंग घटना के संदर्भ मे जिला प्रशासन द्वारा किया गया है.
(4).ग्राम सभा की उपयोग की भूमि पर प्राथमिकता संबंधित पूर्ववर्ती उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासननादेश संख्या 285/16(1)/73-राजस्व -I दिनांक 9 मई 1984 (उत्तराखंड मे प्रभावी ) का घोर उलंघन राजस्व विभाग द्वारा किया गया है.
(5). दिनांक 15 जुलाई 2022 को मंदोदरी देवी (50वर्ष )

संगीता देवी (22 वर्ष ), लीला देवी (42 वर्ष ), विपिन भंडारी (22 वर्ष ) छोटी बच्ची ‘दिया'(डेढ़ वर्ष ) को पुलिस द्वारा बिना किसी आदेश या समन के गाड़ी के अंदर घंटो तक बैठाये रखा (भूखे प्यासे कैद करके रखा) .
(6). भारतीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों द्वारा अपनी कार्य सीमा से बाहर जाकर हेलंग गाँव मे उपरोक्त महिलाओं के साथ छीना झपटी की और जानवरो के लिए जंगल से लाये जा रहे घास को उनके पीठ भी जोर जबरदस्ती छीनने की कोसिस की.
(7). महिलाओं युवाओ व बच्चों को तब तक पुलिस अपनी अभिरक्षा मे कैद किये रखी जब तक THDC इंडिया कंपनी द्वारा घास व पेड़ों भरे जमीन (भीड़े ) को टनल के 18-20 डम्पर ट्रकों से पाट न दिया गया.
(8). मंदोदरी के भतीजे व लीला देवी के बेटे आशीष भंडारी (25 वर्ष ) को भी जोशीमठ थाने मे 6 घंटे तक बैठाये रखा और अंत मे गैर कानूनी रूप से 250 रूपये का चालान आशीष से भरवा कर पुलिस द्वारा सभी निरुद्ध ग्रामीणों को छोड़ दिया गया.

(9). पुलिस द्वारा अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करके उत्तराखंड पुलिस एक्ट 2007 के धारा 81(1) (क ) की आढ़ मे महिलाओ व बच्चों के साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा डीके बासु बनाम बंगाल राज्य मे दिए गए दिशा निर्देशों का घोर उलंघन किया गया.
(10). जिला प्रशासन तहसील प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन की मिली भगत से ग्रामीणों के हक़ हकुक पर गैर कानूनी व मनमाने तरीके से प्रहार किया गया.

(11).उपरोक्त घटना के संबंधित जिम्मेदार अधिकारीयों ने अपने पद और गरिमा का दुरूपयोग किया है

कमेटी की अनुशंसा-

(क)उपरोक्त लिखित गंभीर आरोपों की जाँच रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता मे गठित उच्च स्तरीय जांच कमेटी द्वारा की जाय.
(ख ) जाँच मे दोषी पाये गये सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाय तथा दोषी अधिकारियो के विरुद्ध डंडा त्मक व अनुशासनात्मक कार्यवाही सेवा से भर्खास्त करने की की जाय
(ग ) पुलिस प्रशासन व तहसील प्रशासन द्वारा प्रताड़ित महिलाओं बच्चों को सरकार व THDC इंडिया कम्पनी द्वारा मुआवजा दिया जाय.
(घ ) ग्राम सभा हेलंग की वन पंचायत की भूमि खसरा संख्या 445 पर गिराया गया मलुवा हटाया जाय. ताकि ग्रामीणों के अपने मवेसियों के चारे की व्यवस्था बहाल हो सके.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Powered & Designed By Dhiraj Pundir 7351714678