बागेश्वर जनपद के लोगों के लिए राहत भरी खबर,डायसिस सेंटर में लोगों को डायलिसिस की सुविधा मिलने लगी, अब अन्य जनपदों का रुख नहीं करना पड़ेगा.

Spread the love

बागेश्वर जनपद के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. जिला अस्पताल का के डायसिस सेंटर में लोगों को डायलिसिस की सुविधा मिलने लगी है. अब डायलिसिस के लिए लोगों को अन्य जनपदों का रुख नहीं करना पड़ेगा.

लंबे इंतजार के बाद बागेश्वर जिले के लोगों को डायलिसिस की सुविधा मिल गई है, जिला अस्पताल के डायसिस सेंटर में लोगों को डायलिसिस की सुविधा मिलने लगी है. 12 मार्च से अब तक 19 लोगों का डायलिसिस भी किया जा चुका है. डायलिसिस सेंटर का संचालन हंस फाउंडेशन कर रहा है. इसके लिए सरकार का फाउंडेशन के साथ करार हुआ है.

जिला अस्पताल के सीएमएस वीके टम्टा ने बताया कि अब तक सेंटर में 19 लोगों का डायलिसिस किया जा चुका है. डायलिसिस की सुविधा न होने के कारण किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों को हल्द्वानी और दिल्ली जाना पड़ता था. इसमें समय के साथ ही धन और समय की बर्बादी होती थी, जिले के लोग लंबे समय से डायलिसिस की सुविधा दिलाने की मांग कर रहे थे. अब लोगों की मुराद पूरी हो गई है.

क्या है डायलिसिस: डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है. डायलिसिस की जरूरत तब पड़ती है, जब किसी व्यक्ति के वृक्क (किडनी) यानी गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं. गुर्दे से जुड़े बीमारी, लंबे समय से मधुमेह के मरीज, उच्च रक्तचाप जैसी स्थिति में पड़ती है. डायलसिस में शरीर में एकत्रित अपशिष्ट पदार्थों और अतिरिक्त पानी को आर्टिफिशियल तरीके से बाहर निकाला जाता है.
डायलिसिस करीब चार से पांच घंटे की प्रक्रिया होती है. इसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाती है. इसमें पता चलता है कि शरीर से कितने फीसद अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकले हैं. स्थायी और अस्थायी होती हैं. आमतौर पर जब दोनों किडनियां काम नहीं कर रही हों तो उस स्थिति में किडनी रोग विशेषज्ञ डायलिसिस करवाने की सलाह देते हैं.

error: Content is protected !!
Powered & Designed By Dhiraj Pundir 7351714678