कत्यूर घाटी बागेश्वर में राज्य बनने के बाद अभी तक किसी भी राष्ट्रीय दल ने बागेश्वर सीट से महिला को उम्मीदवार नहीं बनाया, क्या इस बार ये मिथक टूट रहा…..देखिए दावेदारों के नाम

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कत्यूर घाटी बागेश्वर में चुनाव में दावेदारों की फौज भी बढ़ने लगी है। इस बार आधी आबादी ने भी टिकट के लिए ताल ठोक रही है। राज्य बनने के बाद किसी भी राष्ट्रीय दल ने बागेश्वर सीट से महिला को उम्मीदवार नहीं बनाया। इस बार बागेश्वर सीट से दोनों दलों से महिलाओं की दावेदारी भी सामने आई है। कपकोट सीट पर किसी भी दल से महिलाओं की दावेदारी फिलहाल सामने नहीं आई है।

बागेश्वर विधान सभा सीट पर इस बार कांग्रेस से पूर्व कनिष्ठ उपप्रमुख कांग्रेस महिला सेवादल की जिलाध्यक्ष सुनीता टम्टा ने दावेदारी पेश की है। सुनीता का तर्क है कि महिलाओं की आधी आबादी है। इस बार पार्टी को महिला को टिकट देना चाहिए। बागेश्वर सीट से अभी तक कांग्रेस के बालकृष्ण, रंजीत दास, सज्जन लाल टम्टा, भैरव नाथ टम्टा,प्रकाश कोहली  भी दावेदारी कर रहे हैं। बालकृष्ण पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं।उनको हार का सामना करना पड़ा,

राज्य बनने के बाद किसी भी दल ने महिला प्रत्याशी पर दाव नहीं खेला। भाजपा से इस बार पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा आर्या भी दावेदारी कर रही हैं।
अभी तक भाजपा से तीन बार के विधायक चंदन राम दास सशक्त दावेदार हैं। कपकोट सीट पर कांग्रेस के एकमात्र दावेदार पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण हैं। कपकोट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी फर्स्वाण के पक्ष में जनता से अपील कर चुके हैं।
कपकोट सीट पर भाजपा से वर्तमान विधायक बलवंत सिंह भौर्याल सशक्त दावेदार हैं। पूर्व विधायक शेर सिंह गढ़िया, सुरेश गढ़िया भी ताल ठोक रहे हैं। आप के कपकोट से भूपेश उपाध्याय और बागेश्वर सीट से बसंत कुमार का लड़ना तय माना जा रहा है लेकिन उक्रांद समेत सपा, बसपा, उपपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं।

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